मंगलवार, 4 नवंबर 2014

एक राज

हर इंसान की एक अपनी पहचान होती है.और उसी पहचान के पीछे एक राज होता है, न तो वो खुद किसी को बताना चाहता है और नहीं कोई उसे जानना चाहता है.किन्तु वक्त के साथ वो राज एक दिन सबके सामने आ ही जाता है.उस समय हमारे कई अपने हमसे दूर भी हो जाते है ! इस समय में हम ये सोचते है की काश हमने पहले सबको सबकुछ बता दिया होता, पर तब बहुत देर हो चुकी होती है.आप सभी दोस्तों से ये ही कहना है की आप कोई भी ऐसी बात अपनों से न छिपाए क्योंकि जब उन्हें पता चलेगी तब उन्हें कितना दर्द होगा इस बात का आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते है.इसलिए कहता हुँ..............जियो अपनी मनमर्जी के साथ पर सबको खुश रखते हुए ....................आपकी सोच आपकी आजादी

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