शनिवार, 22 नवंबर 2014

आपकी मंजिल


इस दुनिया में हर इंसान की अपनी एक मंजिल होती है लेकिन बहुत से लोग उस मंजिल को सभी लोगो के साथ बातचीत के दौरान बताते है मगर कई लोग अपनी उस मंजिल को केवल अपने तक ही सीमित रखते है आपको पता है ऐसा करने से क्या हो सकता है,आप ने शायद कभी इस बारे में नहीं सोचा होगा की अगर हम अपनी मंजिल के बारे में किसी को बताते है तो उससे क्या होगा और नहीं बताते है तो उससे क्या होगा ! लेकिन फर्क पड़ता है आपके किसी को अपनी मंजिल बताने से और अपनी मंजिल के बारे में किसी से छुपाने से और वो फर्क ये है की जब आप किसी को अपनी मंजिल के बारे में बताएँगे तो आपको लोग कई तरह के कमेंट देने लगते है कई कहते यही की ये आप नहीं कर सकते और कई कहेंगे अगर हमारी कोई जरुरत हो कहियेगा,और कुछ ये भी कहेंगे की हमारी शुभकामनाये सदेव आपके साथ है और आप जो चाहते है वो आपको मिल जाये!
लेकिन जब आप किसी से कहते ही नहीं है की आप भविष्य में क्या करना चाहते है तो आप को इस तरह की बाटे सुनने को नहीं मिलेगी.
आप सोच रहे होंगे की ये सब बातें तो हम जानते है पर इस लेख में नया क्या है ?
नया क्या है ये ही सवाल मेरे मन में भी उठा और मेने अपने एक दोस्त से पूछा की कैसे हो भाई ?
 उसका तुरंत जवाब आया में बहुत अच्छा हूँ
मेने कहा ये तो अच्छी बात है फिर मेने पूछा
ये बता अपनी पढाई कैसी चल रही है कहने लगा बढ़िया
मेने कहा चलो मुझे भी अच्छा लगा ये जानकर की आपकी पढाई बहुत अच्छी चल रही है
आगे मेने उससे पूछा की आगे के बारे में क्या सोचा है आगे क्या करना चाहते हो पुलिस,टीचर या डॉक्टर
उसने कहा मेने कुछ नहीं सोचा आगे के बारे में
मेने भी उसे तुरंत कहा भाई ऐसा क्यों
कहने लगा अपनी मंजिल किसी को बतानी नहीं चाहिए
मेने कहा अच्छा ऐसा किसने कहा
तो कहने लगा में कह रहा हूँ
लेकिन क्यों
तो बोला की बस ऐसे ही
तो मेने उसे तुरंत एक उदहारण देकर कहा की देखो
अगर तुम अपनी मंजिल किसी को नहीं बताओगे तो कोई तुम्हे तुम्हारी उस मंजिल तक पहोचने में कैसे मदद कर सकता है यहाँ मदद की ही नहीं पर
देखो सुनो अब आपके घर कोई मेहमान आये ठीक है आपको उनके लिए खाना बनाना है तो आप उनसे पूछेंगे की आप के लिए क्या बनाया जाये
तो आपके दोस्त है वो मेहमान तो कहेंगे की कुछ भी बनाओ
आप कहेंगे ठीक है और आप उनके सामने वाही चीज बनाकर पेश करेंगे जिसको वो न पसंद करते हो तो ऐसे हालत में आप सोच सकते है की क्या होगा उस समय !
मुझे मेरे दोस्त ने कहा आप सही कह रहे हो मुझे अपनी मंजिल के बारे में अपने दोस्तों को और अपने परिचित लोगो को बताना चहिये ताकि वो मुझे अपने सुझाव बता सके.और मुझे अपनी मंजिल तक पहोचने में मदद मिल सके.
आपको क्या लगता है क्या आप अपनी मंजिल के बारे में किसी को ना बता कर अच्छा कर रहे है या आपको क्या लगता है की क्या हमे अपनी मजिल को सबके सामने रखना चाहिए .
वैसे सोचने वाली बात है चाणक्य जी कहते है की आप अपनी बात किसी से न कहे क्योंकि आप कहेंगे तो वो आपकी मंजिल में रूकावट डाल सकता है
लेकिन अगर हम खुद अच्छा सोचेंगे की हम किसे क्या बताये और कैसे क्या ना बताये तो बेहतर होगा
मेरी अपनी सोच है की आप अपनी मंजिल के लिए भरपूर कोशिश के साथ अन्य लोगो की सलाह और सुझाव जरूर ले.आपको आपकी मजिल आसानी से मिल जाएगी !
आप क्या सोचते है इस लेख के बारे में आप भी जुड़ सकते है और बता सकते है अपने  विचार इस आपके अपने ब्लॉग में जिसका नाम है आपकी सोच आपकी आजादी

शुक्रवार, 21 नवंबर 2014

मंजिल


हर इंसान की अपनी एक मंजिल होती है,जब तक वह इतना समझदार नहीं होता की उसे अपने जीवन में क्या करना है और किसके लिए तथा क्यों करना है ! ये सब बातें किसी भी व्यक्ति के दिमाग में तब आती है जब कोई भी मनुष्य थोड़ा सा समझदार होता है ,देखिये ये वक्त भी तब आता है जब किसी इंसान के पास कई तरह की जिमेदारी आती है. लेकिन यहाँ पर सोचने वाली बात ये है की क्यों आखिर उस वक्त से पहले कोई समझता नहीं की मुझे अपनी जिंदगी में क्या करना ! ये भी सच है की जिसे इसका पता चल जाये वो शायद इस संसार का सबसे अलग इंसान होगा !
आप किस विचार में डूबे हो जनाब हम सभी लोगो में से कोई भी इंसान तबतक ये जान ही नहीं पाता की हमारे जीवन की असल मंजिल क्या है ? और जब कोई इंसान उसे जान जाता  है तो तभी से उस मंजिल को पाने की कोशिश में लग जाता है.!
क्या आपने अपनी मंजिल को चुना ? अगर नहीं तो अभी चुनिए और लग जाइये अपनी मंजिल को पाने में क्योंकि किसी ने कहा की देर हो जाये तो मंजिल हमारे हाथो में नहीं आती !
में यहाँ आप सभी को कुछ महत्वपूर्ण बातें बताना चाहूंगा जो की शायद आपकी मंजिल को पाने में आपकी मदद करेंगे !
१.अपनी मंजिल को पाने के लिए भरपूर प्रयास कीजिये !
२.खुद से वादा कीजिये में अपनी मंजिल को बहुत ही जल्द हाशिल करूँगा !
३.और खुद के साथ कभी भी किसी तरह का झूठ न बोले !
४.आपकी मंजिल आपका इन्जार कर रही है और आपको जल्द से जल्द वहा पहुचना है ये महसूस कीजिये !
५.और ये भी अनुभव कीजिए की मुझे अपनी मंजिल मिल गई है.
कोशिश कीजिये की आप हरपल अपनी असल मंजिल के बारे में सोचे और उसे पाने की राह खोजते हुए उस तक पहोचे.
आशा है आपको ये लेख अच्छा लगा हो .
कुछ कहना चाहने तो आप निचे दिए कमेंट बॉक्स में अपने विचार बता सकते है
क्योंकि ये है आपका अपना ब्लॉग आपकी सोच आपकी आजादी

मंगलवार, 4 नवंबर 2014

एक राज

हर इंसान की एक अपनी पहचान होती है.और उसी पहचान के पीछे एक राज होता है, न तो वो खुद किसी को बताना चाहता है और नहीं कोई उसे जानना चाहता है.किन्तु वक्त के साथ वो राज एक दिन सबके सामने आ ही जाता है.उस समय हमारे कई अपने हमसे दूर भी हो जाते है ! इस समय में हम ये सोचते है की काश हमने पहले सबको सबकुछ बता दिया होता, पर तब बहुत देर हो चुकी होती है.आप सभी दोस्तों से ये ही कहना है की आप कोई भी ऐसी बात अपनों से न छिपाए क्योंकि जब उन्हें पता चलेगी तब उन्हें कितना दर्द होगा इस बात का आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते है.इसलिए कहता हुँ..............जियो अपनी मनमर्जी के साथ पर सबको खुश रखते हुए ....................आपकी सोच आपकी आजादी