रविवार, 22 मार्च 2015

राजस्थान उदयपुर जिले के कोटड़ा तहसील में पहली शुरआत समाज की कुरीति में बदलाव की

मेरा नाम बुम्बडिया विनोद कुमार है में कला वर्ग तीसरे वर्ष में आबूरोड कॉलेज में पढाई करता हूँ ! पिछले दो सालो से रेडियो मधुबन ९०.४ में रहते हुए अपनी पढाई भी कर रहा हूँ और रेडियो में सेवा भी कर रहा हूँ .मै आदिवासी भील समाज से हूँ और हमारे समाज में तथा और जो आदिवासी समुदाय भील और गरासिया में कुछ ऐसी परम्परा कहे या कुरीति कहे जो चलने से हमारे भाई बहेनो का विकास नहीं हो पाता ! और मुझे इन सभी में जो मुख्य अधिकतर चल रही है, कम उम्र में शारीरिक सम्बन्ध ! इस परमपरा में इनके समाज के लोग जिनकी उम्र 14 से 16 से बीच होती है और इनके घरवाले या ये खुद अपनी पसंद की लड़की को देखकर या लड़के को देखकर अपना रिस्ता इनके समाजो में होनेवाले मेले में तय कर लेते है ! इस परम्परा में बदलाव लाने के लिए रेडियो मधुबन के सदस्य  विनोद जो की स्वम् भी इसी समाज से है उन्हेोने इस परम्परा में बदलाव लाने के लिए एक अनूठी पहल छेड़ी है ! उन्होंने उदयपूर जिले के तहसील कोटड़ा में आये हुए बड़ली पंचायत में समाज के कुछ लोग और राजकीय माध्यमिक स्कूल के बच्चो को इस पंचायत कार्यालय में इकठ्ठा करके उन्हें कम उम्र में होने वाले नुकसान के बारे में जाकारी दी और साथ ही स्थानीय जागरूक महिला होकिली बाई ने अपने विचारोे में  कहा की अगर आप जैसे जागरूक युवा हमारे इन गावो में आते रहेंगे तो इस परम्परा में बदलाव आ सकता है ! स्थानीय गाव गउपीपला के कुछ जागरूक युवा में राजेंदर,कांतिलाल, जगदीस,जीतमल, और सुरेश ने अपने विचार अपनी आदिवासी भाषा में व्यकत करते हुए कार्यक्रम में उपस्थिति लोगो से निवेदन किया की इस परम्परा को बंद करने के लिए आप सभी हमारा सहयोग करे.
इस कार्यक्रम में IBN7  के रिपोेर्टर नारायण वाडेरा और दैनिक नवज्योति के रिपोर्टर सुरेंदर खराड़ी भी आये थे और सुरेंदर खराड़ी जी ने स्थानीय लोगो को शादी से पहले होनेवाले नुकसान की जानकारी देते हुए रेडियो मधुबन की ये सराहना की और कहा की ये एक अच्छी शुरुआत है और ये इस तरह के कार्यक्रम बार बार आयोजित होते रहे ताकि इस समाज में चलने वाली परमपरा समाप्त हो और इस समाज के लोग अपना विकास कर सके !

मंगलवार, 27 जनवरी 2015

एक बंद घडी

एक बंद घडी कब चलती है ?
१.उसे हाथो से हिलाते  है तब
२.उसमे सेल(बैटरी ) होता है तब
३.उसकी खुद की इच्छा होती है तब
४.या चलती ही रहती है !
५.या कोई उसे चलाये तब
६.या चलती ही नही है !
 आप सोचिये और जवाब दीजिये आपकी सोच क्या कहती है आप मुझे सन्देश और व्हाट्सप्प भी कर सकते है 9680476008 पर
हा यहाँ जरूर लिखिए आपका जवाब क्योंकि ये है आपकी सोच आपकी आज़ादी

शनिवार, 27 दिसंबर 2014

बदलाव

आज भारत की आधे से ज्यादा आबादी जो की गाव में रहती है हम जानते तो है की वो कैसे रहती है और उनके सामने हम अपना जीवन कैसे बिताते है ये भी अच्छे से जानते है मगर हम फिर भी अपने में ही रहते है और अपने आपको हमेशा बड़ा दिखने की कोशिश करते रहते है ! मुझे लगता है की इस दुनिया की हर चीज एक समय पर बदलेगी पर मगर ये भी लगता है की आखिर समय आने पर ही सबकुछ होगा तो मुझे ये भी सोचने की जरुरत नहीं है की मेँ क्या कर रहा हु क्योंकि आप जब कुछ नहीं भी करेंगे तो जो आपके पास है या जो आपका ही वो तो आपको मिलेगा ही फिर उसके लिए मेहनत किसी और क्यों ?
आपको नहीं लगता की ये बात तो मुझे पहले से पता है की मेँ कुछ करूँगा तभी मुझे कुछ मिलेगा तो फिर क्यों कुछ नहीं कर रहे हो भाई उठो जागो और कुछ बदलाव लाने की कोशिश करो !

अब आप  सोच रहे होंगे  की ये लिखना और कहना आसान है खुद करो तो पता चले की कैसे बदलाव होता है सही सोच रहे हो
पर शुरुआत तो करनी होगी मेँ करू या आप करो जब तक शुरुआत नहीं होगी तबतक कैसे कुछ होगा !

आप किस बदलाव की बात सोच रहे हो आप मुझे ऐसी ब्लॉग मेँ पोस्ट करो अपने विचार तो मुझे पता चले की कितने लोग किसी तरह का बदलाव चाहते है वैसे ये ब्लॉग भी आपका अपना है जिसका नाम है आपकी सोच आपकी आजादी

शनिवार, 22 नवंबर 2014

आपकी मंजिल


इस दुनिया में हर इंसान की अपनी एक मंजिल होती है लेकिन बहुत से लोग उस मंजिल को सभी लोगो के साथ बातचीत के दौरान बताते है मगर कई लोग अपनी उस मंजिल को केवल अपने तक ही सीमित रखते है आपको पता है ऐसा करने से क्या हो सकता है,आप ने शायद कभी इस बारे में नहीं सोचा होगा की अगर हम अपनी मंजिल के बारे में किसी को बताते है तो उससे क्या होगा और नहीं बताते है तो उससे क्या होगा ! लेकिन फर्क पड़ता है आपके किसी को अपनी मंजिल बताने से और अपनी मंजिल के बारे में किसी से छुपाने से और वो फर्क ये है की जब आप किसी को अपनी मंजिल के बारे में बताएँगे तो आपको लोग कई तरह के कमेंट देने लगते है कई कहते यही की ये आप नहीं कर सकते और कई कहेंगे अगर हमारी कोई जरुरत हो कहियेगा,और कुछ ये भी कहेंगे की हमारी शुभकामनाये सदेव आपके साथ है और आप जो चाहते है वो आपको मिल जाये!
लेकिन जब आप किसी से कहते ही नहीं है की आप भविष्य में क्या करना चाहते है तो आप को इस तरह की बाटे सुनने को नहीं मिलेगी.
आप सोच रहे होंगे की ये सब बातें तो हम जानते है पर इस लेख में नया क्या है ?
नया क्या है ये ही सवाल मेरे मन में भी उठा और मेने अपने एक दोस्त से पूछा की कैसे हो भाई ?
 उसका तुरंत जवाब आया में बहुत अच्छा हूँ
मेने कहा ये तो अच्छी बात है फिर मेने पूछा
ये बता अपनी पढाई कैसी चल रही है कहने लगा बढ़िया
मेने कहा चलो मुझे भी अच्छा लगा ये जानकर की आपकी पढाई बहुत अच्छी चल रही है
आगे मेने उससे पूछा की आगे के बारे में क्या सोचा है आगे क्या करना चाहते हो पुलिस,टीचर या डॉक्टर
उसने कहा मेने कुछ नहीं सोचा आगे के बारे में
मेने भी उसे तुरंत कहा भाई ऐसा क्यों
कहने लगा अपनी मंजिल किसी को बतानी नहीं चाहिए
मेने कहा अच्छा ऐसा किसने कहा
तो कहने लगा में कह रहा हूँ
लेकिन क्यों
तो बोला की बस ऐसे ही
तो मेने उसे तुरंत एक उदहारण देकर कहा की देखो
अगर तुम अपनी मंजिल किसी को नहीं बताओगे तो कोई तुम्हे तुम्हारी उस मंजिल तक पहोचने में कैसे मदद कर सकता है यहाँ मदद की ही नहीं पर
देखो सुनो अब आपके घर कोई मेहमान आये ठीक है आपको उनके लिए खाना बनाना है तो आप उनसे पूछेंगे की आप के लिए क्या बनाया जाये
तो आपके दोस्त है वो मेहमान तो कहेंगे की कुछ भी बनाओ
आप कहेंगे ठीक है और आप उनके सामने वाही चीज बनाकर पेश करेंगे जिसको वो न पसंद करते हो तो ऐसे हालत में आप सोच सकते है की क्या होगा उस समय !
मुझे मेरे दोस्त ने कहा आप सही कह रहे हो मुझे अपनी मंजिल के बारे में अपने दोस्तों को और अपने परिचित लोगो को बताना चहिये ताकि वो मुझे अपने सुझाव बता सके.और मुझे अपनी मंजिल तक पहोचने में मदद मिल सके.
आपको क्या लगता है क्या आप अपनी मंजिल के बारे में किसी को ना बता कर अच्छा कर रहे है या आपको क्या लगता है की क्या हमे अपनी मजिल को सबके सामने रखना चाहिए .
वैसे सोचने वाली बात है चाणक्य जी कहते है की आप अपनी बात किसी से न कहे क्योंकि आप कहेंगे तो वो आपकी मंजिल में रूकावट डाल सकता है
लेकिन अगर हम खुद अच्छा सोचेंगे की हम किसे क्या बताये और कैसे क्या ना बताये तो बेहतर होगा
मेरी अपनी सोच है की आप अपनी मंजिल के लिए भरपूर कोशिश के साथ अन्य लोगो की सलाह और सुझाव जरूर ले.आपको आपकी मजिल आसानी से मिल जाएगी !
आप क्या सोचते है इस लेख के बारे में आप भी जुड़ सकते है और बता सकते है अपने  विचार इस आपके अपने ब्लॉग में जिसका नाम है आपकी सोच आपकी आजादी

शुक्रवार, 21 नवंबर 2014

मंजिल


हर इंसान की अपनी एक मंजिल होती है,जब तक वह इतना समझदार नहीं होता की उसे अपने जीवन में क्या करना है और किसके लिए तथा क्यों करना है ! ये सब बातें किसी भी व्यक्ति के दिमाग में तब आती है जब कोई भी मनुष्य थोड़ा सा समझदार होता है ,देखिये ये वक्त भी तब आता है जब किसी इंसान के पास कई तरह की जिमेदारी आती है. लेकिन यहाँ पर सोचने वाली बात ये है की क्यों आखिर उस वक्त से पहले कोई समझता नहीं की मुझे अपनी जिंदगी में क्या करना ! ये भी सच है की जिसे इसका पता चल जाये वो शायद इस संसार का सबसे अलग इंसान होगा !
आप किस विचार में डूबे हो जनाब हम सभी लोगो में से कोई भी इंसान तबतक ये जान ही नहीं पाता की हमारे जीवन की असल मंजिल क्या है ? और जब कोई इंसान उसे जान जाता  है तो तभी से उस मंजिल को पाने की कोशिश में लग जाता है.!
क्या आपने अपनी मंजिल को चुना ? अगर नहीं तो अभी चुनिए और लग जाइये अपनी मंजिल को पाने में क्योंकि किसी ने कहा की देर हो जाये तो मंजिल हमारे हाथो में नहीं आती !
में यहाँ आप सभी को कुछ महत्वपूर्ण बातें बताना चाहूंगा जो की शायद आपकी मंजिल को पाने में आपकी मदद करेंगे !
१.अपनी मंजिल को पाने के लिए भरपूर प्रयास कीजिये !
२.खुद से वादा कीजिये में अपनी मंजिल को बहुत ही जल्द हाशिल करूँगा !
३.और खुद के साथ कभी भी किसी तरह का झूठ न बोले !
४.आपकी मंजिल आपका इन्जार कर रही है और आपको जल्द से जल्द वहा पहुचना है ये महसूस कीजिये !
५.और ये भी अनुभव कीजिए की मुझे अपनी मंजिल मिल गई है.
कोशिश कीजिये की आप हरपल अपनी असल मंजिल के बारे में सोचे और उसे पाने की राह खोजते हुए उस तक पहोचे.
आशा है आपको ये लेख अच्छा लगा हो .
कुछ कहना चाहने तो आप निचे दिए कमेंट बॉक्स में अपने विचार बता सकते है
क्योंकि ये है आपका अपना ब्लॉग आपकी सोच आपकी आजादी

मंगलवार, 4 नवंबर 2014

एक राज

हर इंसान की एक अपनी पहचान होती है.और उसी पहचान के पीछे एक राज होता है, न तो वो खुद किसी को बताना चाहता है और नहीं कोई उसे जानना चाहता है.किन्तु वक्त के साथ वो राज एक दिन सबके सामने आ ही जाता है.उस समय हमारे कई अपने हमसे दूर भी हो जाते है ! इस समय में हम ये सोचते है की काश हमने पहले सबको सबकुछ बता दिया होता, पर तब बहुत देर हो चुकी होती है.आप सभी दोस्तों से ये ही कहना है की आप कोई भी ऐसी बात अपनों से न छिपाए क्योंकि जब उन्हें पता चलेगी तब उन्हें कितना दर्द होगा इस बात का आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते है.इसलिए कहता हुँ..............जियो अपनी मनमर्जी के साथ पर सबको खुश रखते हुए ....................आपकी सोच आपकी आजादी

बुधवार, 20 अगस्त 2014

हम सोचते तो बहुत है अपने देश के बारे में लेकिन जब करने की बात आती है तो बस एक ही बहन हम सभी में से कई लोग बताते है और वो कहते है की आज समय नहीं है में कल समय दे सकता हु.आप क्या सोचते आपकी सोच आपकी आजादी के बारे में अपनी राय हमें जरूर बताये कहते है जिंदगी आपकी है आप जैसे जीना  चाहे वैसे उसे जी सकते है ! लेकिन क्या हमारे जिंदगी बस जीने के लिए है या कुछ करने के लिए आप क्या सोचते है इस बारे में आप बता सकते है आपकी सोच आपकी आजादी इस ब्लॉग में आप सभी के लिए ये खुला मंच कॉल कर सकते है -9680476008,8440903176
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